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हरिऔध जी के जयंती : हरिऔध के बगैर हिन्दी साहित्य अपूर्ण

  संवाददाता - बागी न्यूज 24     हरिऔध जी के जयंती पर साहित्यिक गोष्ठी का आयोजन आजमगढ़। नगर के गुरू घाट स्थित श्री रामजानकी मंदिर में लोक मनीष...

 



संवाददाता - बागी न्यूज 24   

हरिऔध जी के जयंती पर साहित्यिक गोष्ठी का आयोजन

आजमगढ़। नगर के गुरू घाट स्थित श्री रामजानकी मंदिर में लोक मनीषा परिषद् के तत्वावधान में महाकवि अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध के 159वें जन्मदिवस पर देरशाम आयोजित साहित्यिक संगोष्ठी पंडित सुभाष चन्द्र तिवारी कुंदन की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। संचालन विजयेंद्र श्रीवास्तव ने किया।

विषय परिवर्तन करते हुए प्रख्यात साहित्यकार जनमेजय पाठक ने कहाकि हरिऔध जी ने खड़ी बोली में प्रथम महाकाव्य प्रिय प्रवास की रचना कर आजमगढ़ को गौरवान्वित किया। इसके अलावा विभिन्न साहित्य ग्रंथों की उनकी रचनाएं अद्वितीय हैं। 

मुख्य अतिथि शिक्षकश्री डा गीता सिंह ने कहा कि हरिऔध जी महा मानवतावादी एवं विश्व मैत्री के कवि थे। वैदेही वनवास में हरिऔध जी ने एक नया रूप देते हुए यह दर्शाया है कि मर्यादा की रक्षा के लिए श्रीराम जी ने सीता जी की सहमति से उन्हें वनवास दिया। उन्होंने बालकों एवं युवाओं के लिए प्रेरणादायी रचनाए की जो आज भी प्रांसगिक है।

अध्यक्षीय संबोधन में संत सेवा संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित सुभाष चन्द्र तिवारी कुंदन ने कहाकि हरिऔध जी ने अनेक महत्वपूर्ण महाकाव्य नाट्क, उपान्यास आदि रचनाओं से विश्व स्तर पर अपनी पहचान बनाई इसीलिए कहा जाता है कि हरिऔध के नाम के बगैर हिन्दी साहित्य अपूर्ण है। वर्षो से आजमगढ़ धर्म एवं साहित्य की साधना का केंद्र रहा है, भावी पीढ़ी को आगे भी इसे बनाए रखने की जिम्मेदारी उठानी होगी। 

डा प्रवेश सिंह ने कहाकि कलमकार अपनी रचना से आंदोलन तैयार करता है। हरिऔध जी की लेखनी स्वतंत्रता संग्राम के लिए प्रेरणादायी रही, वे विश्व की धरोहर है। उनके द्वारा रचित प्रिय प्रवास का अनुवाद 63 भाषाओ में हो चुका है। 

कवि संजय कुमार पांडेय ने कहाकि हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में हरिऔध जी की ख्याति वंदनीय है। 

डा अखिलेश सिंह ने कहा कि हरिऔध जी का कद विश्वस्तर के साहित्यकारों में है। प्रिय प्रवास में उन्होंने श्री कृष्ण को अवतारी नहीं बल्कि मानव के रूप में दर्शाया गया है। हरिऔध जी ने श्रेष्ठता व सौन्दर्य के दृष्टिकोण से व्याकरणीय संदर्भो  को ध्यान रखा। दिनेश श्रीवास्तव ने कहाकि आजमगढ़ की पहचान हरिऔध जी जैसे साहित्यकारों के नाम से होनी चाहिए।

कवियत्री आशा सिंह व जयहिंद सिंह ने भी अपने विचार रखें। मंदिर के मंहत संजय कुमार पांडेय ने आभार प्रकट किया। 

"BAGI News 24" Chief Editor Abdul Kaidir "Baaghi", Bureau Office –District Cooperative Federation Building, backside Collectorate Police Station, Civil Line, Azamgarh, Uttar Pradesh, India, Pin Number – 276001 E-mail Address – baginews24@gmail.com, Mobile Number - +91 9415370695





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